महेंद्रगढ़ के हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में कचरी (कचराई) फल आधारित रेडी-टू-सर्व पेय उत्पाद की तकनीक लाइसेंस को लेकर झज्जर की एक कंपनी के साथ समझौता हुआ है। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ ने कचरी आधारित रेडी-टू-सर्व (आरटीएस) पेय उत्पाद की तकनीक के लिए मैसर्स आरसीआईसीओ लिवेबल सेवन ब्लू रिफॉर्म फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, झज्जर के साथ समझौता किया है। इसके अंतर्गत दोनों संस्थानों के बीच टेक्नोलॉजी लाइसेंस एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए। एग्रीमेंट पर हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने तथा लिवेबल सेवन ब्लू रिफॉर्म फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की ओर से निदेशक संजय जाखड़ ने हस्ताक्षर किए। नया उत्पाद विकसित करने का अवसर : टंकेश्वर इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि यह समझौता विश्वविद्यालय द्वारा अनुसंधान आधारित समाधान को व्यावहारिक स्वरूप में लाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पोषण जीवविज्ञान विभाग द्वारा विकसित यह कचरी आधारित रेडी-टू-सर्व पेय उत्पाद न केवल किसानों को लाभ देगा, बल्कि उद्यमियों को भी इससे नया उत्पाद विकसित करने का अवसर उपलब्ध कराएगा। विश्वविद्यालय के सम-कुलपति प्रो. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होने वाली फसल का इस तरह से उपयोग एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल से किसानों एवं उद्यमियों के लिए उत्पादन और मूल्य संवर्धन के नए अवसर उपलब्ध होंगे। आरसीआईसीओ लिवेबल सेवन ब्लू रिफॉर्म फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी की ओर से निदेशक संजय जाखड़ ने कहा कि हमें हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी कर लैब से बाजार तक इस नवाचार को लाने का अवसर मिला है। कचरी जैसी फसल जो अक्सर बर्बाद हो जाती है, उसे वैज्ञानिक रूप से उपयोग कर पेय उत्पाद बनाना खाद्य उद्योग के लिए एक वरदान साबित होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि यह समझौता इस बात का साक्ष्य है कि कैसे विश्वविद्यालयों की शोध क्षमता व्यावहारिक जरूरतों की पूर्ति में मददगार हो सकती है। इस तकनीक के लाइसेंस के माध्यम से किसान उत्पादक कंपनी द्वारा इसका व्यवसायीकरण जल्द ही संभव होगा। इन लोगों ने किया अविष्कार विश्वविद्यालय की ओर से पोषण जीव विज्ञान विभाग की डा. अनीता कुमारी व सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के प्रो. सुरेंद्र सिंह एवं डा. दीपिका ने इस तकनीक का आविष्कार किया है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने के कारण फंक्शनल फूड और वैल्यू एडेड उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है। कचरी आधारित यह पेय उत्पाद उपभोक्ताओं की स्वाद और गुणवत्ता की अपेक्षाओं पर खरा उतरता है और लंबे समय तक सुरक्षित रहता है। इस अवसर प्रो. कांति प्रकाश शर्मा सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक, शोधकर्ता एवं किसान उत्पादक कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
from हरियाणा | दैनिक भास्कर https://ift.tt/dO1c3ZD
Stay informed with our dynamic news channel, delivering breaking news, insightful analysis, and in-depth coverage of global events. We strive to keep you connected to the world, offering timely updates on politics, business, technology, culture, and more. Trust us to provide accurate, unbiased reporting, ensuring you stay ahead and well-informed. Welcome to a news channel that values truth, integrity, and your need to be in the know.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
नारनौल में आज आएंगे केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह:मार्केट कमेटी के चेयरमैन, वाइस चेयरमैन व सदस्यों को दिलाएंगे शपथ
हरियाणा के नारनौल में आज शनिवार को मार्केट कमेटी के नवनियुक्त चेयरमैन, वाइस चेयरमैन व सदस्य शपथ लेंगे। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रज...
-
हरियाणा के नूंह जिले के आईएमटी रोजकामेव के धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 5 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों न...
-
हरियाणा में करनाल के शराब के डिफॉल्टर ठेकेदार 8 साल से सरकार का लगभग 44 करोड़ रुपए डकारे बैठे है और आज तक आबकारी एवं काराधान विभाग डिफॉल्टरो...
-
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज हरियाणा आ रहे हैं। राहुल के इस दौरे को सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि कांग्रेस संगठन को 11 सा...
No comments:
Post a Comment