इस बार हरियाणा का बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नॉमिनेटेड नहीं, इलेक्टेड होने वाला है। इसकी केंद्रीय स्तर पर संगठन ने मंजूरी दे दी है। साथ ही प्लानिंग भी शुरू कर दी है। पार्टी के केंद्रीय सूत्रों का कहना है कि 15 सितंबर के करीब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम के ऐलान के बाद केंद्रीय संगठन की ओर से हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इस बार प्रदेश अध्यक्ष के लिए मोहन लाल बड़ौली (वर्तमान अध्यक्ष) सहित 7 दावेदार बताए जा रहे हैं। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के इस फैसले के बाद स्थानीय स्तर पर प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार चेहरों ने लॉबिंग शुरू कर दी है। कुछ दावेदार दिल्ली के केंद्रीय मंत्रियों के यहां चक्कर काटने शुरू कर चुके हैं। कुछ चंडीगढ़ में संत कबीर कुटीर में मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ अपने नाम की पैरवी कर रहे हैं। यहां पढ़िए अब तक प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए क्या क्या हो चुका... 1. मार्च में ही केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त हो चुका हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए मार्च में ही केंद्रीय नेतृत्व केंद्रीय पर्यवेक्षक की नियुक्ति कर चुका है। बीजेपी ने राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया जा चुका है। 2. 15 सितंबर के बाद आएगा चुनाव का शेड्यूल चूंकि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक की नियुक्ति हो चुकी है, अब पार्टी की ओर से चुनाव का शेड्यूल जारी किया जाएगा। इस शेड्यूल में आवेदन की डेट के साथ ही वोटिंग और रिजल्ट घोषित किए जाने की तारीख का ऐलान किया जाएगा। 3. अरुण सिंह करेंगे नाम का ऐलान नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अध्यक्ष बनने के इच्छुक नेताओं को आवेदन करने का मौका दिया जाएगा। आवेदन के बाद उसी दिन नामांकन-पत्रों की छंटनी होगी। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले दिन अरुण सिंह की अध्यक्षता में बैठक होगी और उसमें प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। 117 वोटर डिसाइड करेंगे प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा के भाजपा संगठन में प्रदेश अध्यक्ष पद के चयन के लिए कुल 117 वोटर हैं। इनमें सभी 27 जिलाध्यक्षों को मतदान करने का अधिकार प्राप्त है। इसी तरह सभी 90 हलका अध्यक्ष भी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में मतदाता की भूमिका में होंगे। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए इन सभी मतदाताओं को रोहतक या पंचकूला स्थित भाजपा के राज्य कार्यालयों में बुलाया जा सकता है। अब यहां पढ़िए कौन कौन चेहरे हैं दावेदार...4 लाइन में मोहन लाल बड़ौली: वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ अच्छा तालमेल है। लोकसभा, विधानसभा चुनाव अपने नेतृत्व में करा चुके हैं। लोकसभा में पार्टी को पांच सीट, विधानसभा में पूर्ण बहुमत से हरियाणा के इतिहास में पहली बार तीसरी बार सरकार बनाई। केंद्रीय नेताओं में अच्छी पैठ। बड़ौली का सिर्फ एक निगेटिव प्वाइंट है कि कसौली गैंगरेप केस। हालांकि उससे उन्हें एक कोर्ट से रिलीफ मिल चुका है, दूसरी कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुदेश कटारिया: पार्टी के बड़े दलित चेहरे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अभी केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीब हैं। पिछले एक साल से प्रदेश में संविधान बचाओ यात्रा निकाल रहे हैं। ईमानदार छवि है। इसी को लेकर प्रदेश में पूर्व सीएम ने ग्राउंड पर काम करने की जिम्मेदारी है। यही वजह है कि अध्यक्ष पद की दौड़ में ये भी दावेदार माने जा रहे हैं। सुभाष बराला और ओपी धनखड़: ये दोनों जाट कम्युनिटी से आते हैं। हरियाणा के लिहाज से बड़े नाम हैं। सुभाष बराला अभी राज्यसभा सांसद हैं। संगठन का भी अनुभव है। पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। अभी हरियाणा में काफी सक्रिय हैं। ओपी धनखड़ हरियाणा के बड़े जाट चेहरे हैं। प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। अभी राष्ट्रीय टीम में सचिव की जिम्मेदारी देख रहे हैं। हरियाणा में काफी एक्टिव रहते हैं। असीम गोयल: अंबाला सिटी से चुनाव लड़ते हैं। नायब सैनी की पहली टर्म की सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं। हालांकि इसके बाद चुनाव हार गए। अब प्रदेश अध्यक्ष के लिए दावेदार हैं। इसकी वजह है कि ये सीएम नायब सैनी के काफी करीबी हैं। हालांकि इनका नाम पहले महामंत्री के लिए चल रहा था, लेकिन अब जो हालात बन रहे हैं उसके अनुसार गोयल प्रदेश अध्यक्ष के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। संजय भाटिया: पार्टी के बड़े पंजाबी चेहरे हैं। हालांकि अभी ये ग्राउंड पर दिख नहीं रहे हैं, लेकिन इनकी दावेदारी की दो बड़ी वजह बताई जा रही हैं। ये करनाल से सिटी सांसद थे, लेकिन 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान इनकी टिकट काट कर मनोहर लाल खट्टर को टिकट दी गई थी। इसके बाद विधानसभा चुनाव में इन्हें टिकट नहीं दी गई। इसको देखते हुए पार्टी इन्हें संगठन में एडजस्ट कर सकती है। गौरव गौतम: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की कैबिनेट का सबसे युवा चेहरा हैं। इसके अलावा ब्राह्मण चेहरा है। सबसे बड़ी बात संगठन की अच्छी जानकारी है। वजह मुंबई में पार्टी की युवा टीम को संभाल चुके हैं। संघ और दिल्ली दोनों जगह अच्छी पकड़ है। पार्टी कैबिनेट विस्तार से पहले गौतम को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है।
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