Wednesday, February 26, 2025

महाशिवरात्रि पर हरियाणा के मंदिरों में भीड़:पंजाब-चंडीगढ़ में भी लाइनें; हिमाचल में इंटरनेशनल शिवरात्रि मेला, 216 देवी-देवता आएंगे

हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और चंडीगढ़ में आज महाशिवरात्रि पर्व मनाया जा रहा है। शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की लाइनें लगी हैं। बम-बम भोले के जयकारों से मंदिर गूंज रहे हैं। पंचकूला में सकेतड़ी महादेव मंदिर, नारनौल में मोड़ा वाला शिव मंदिर, पुरानी सराय में शिव बगीची, छोटा बड़ा तालाब पर शिव मंदिर, जींद में रानी तालाब पर स्थित भूतेश्वर मंदिर, जयंती देवी मंदिर, बनखंडी महादेव मंदिर, कुरुक्षेत्र के ऐतिहासिक संगमेश्वर महादेव मंदिर, कालेश्वर महादेव मंदिर, स्थाणुश्वर महादेव मंदिर, दुख भंजन मंदिर, पशुपतिनाथ महादेव में महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। इसके साथ सिरसा में तारा बाबा कुटिया, रेवाड़ी में श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर, बारा पत्थर शिव मंदिर, कैथल के श्री अंबकेश्वर मंदिर, और झज्जर जिले के गांव बिरधाना में प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालु माथा टेकने पहुंच रहे हैं। उधर, हिमाचल के मंडी में इंटरनेशनल शिवरात्रि मेला आज शुरू हो रहा है। भव्य लघु जलेब (शोभायात्रा) निकाली जाएगी। इससे पहले मंडी के DC अपूर्व देवगन राज माधव राय मंदिर, टारना माता मंदिर और देव कमरुनाग की विधिवत पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद लघु जलेब की शुरुआत होगी। यह मंडी शहर से होते हुए बाबा भूतनाथ मंदिर के बाहर तक पहुंचेगी। जलेब से पहले व्यास घाट से भूतनाथ मंदिर तक शिव की बारात भी निकलेगी। जलेब में पुलिस बैंड, पुलिस और होमगार्ड की टुकड़ियां भाग लेंगी। इनके पीछे जिला के तीन प्रमुख देवताओं के रथ ढोल नगाड़ों की थाप के साथ चलेंगे। मंडी शहर को इस पर्व के लिए सजा दिया गया है। जलेब में 3 देवी-देवता शामिल होंगे आज की लघु जलेब में तीन देवी-देवता शुकदेव ऋषि, देव झाथी वीर, देव डगांडू ऋषि शिरकत करेंगे, जबकि अगले कल होने वाली भव्य शाही जलेब में 216 से देवी-देवता शामिल होंगे। 27 फरवरी को शाही जलेब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शामिल होंगे। महाशिवरात्रि पर्व के लिए 8 देवी-देवता बीते कल ही मंडी पहुंच गए हैं। बाकी देवता आज मंडी आएंगे और अगले सात दिन तक मंडी में ही रुकेंगे। 1527 में भूतनाथ मंदिर बना था, मान्यता है कि 1527 में अजबर सेन ने बाबा भूतनाथ मंदिर की स्थापना की थी। इसके साथ ही मंडी शहर की स्थापना की गई। शुरू में यह मेला दो दिन का होता था। मगर अब यह सात दिन तक मनाया जाता है। इसमें हिमाचल के अलावा पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा समेत अन्य राज्यों से लोग पहुंचते हैं। बड़ादेव कमरुनाग का विशेष स्थान मंडी के देवी-देवताओं में बड़ादेव कमरुनाग का विशेष स्थान है। कमरुनाग देवी-देवताओं में महामहिम हैं। देव परंपरा के अनुसार बड़ादेव कमरुनाग को मंडी जनपद में वरिष्ठ देवता के रूप में पूजा जाता है। कमरुनाग देवता बीते कल ही शिवरात्रि पर्व के लिए मंडी पहुंच गए हैं। कमरुनाग को वर्षा करने वाले देवता के रूप में भी पूजा जाता है। भारी बारिश अथवा सूखे के समय लोग बड़ादेव की शरण में जाते हैं। शिवरात्रि मेले में बारिश न होने के पीछे भी बड़ादेव कमरुनाग के रुष्ट होने को अहम कारण माना जाता है। इस दौरान मेला कमेटी भी बड़ादेव की मनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती है। शिवरात्रि में होता है शैव, वैष्णव और लोक देवता का संगम मान्यता यह भी है कि इसमें शैव, वैष्णव और लोक देवता का संगम होता है। शैव यानी भगवान शिव, वैष्णव भगवान विष्णु और लोक देवता कमरुनाग को कहा जाता है। देव कमरुनाग के आगमन के बाद ही शिवरात्रि महोत्सव का आगाज होता है।

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