हरियाणा में करनाल के 10 युवक-युवतियां अमेरिका से डिपोर्ट होकर वापस लौट आए। इनमें असंध के पंघाला गांव का दंपति भी शामिल है, जो अपने बच्चों को छोड़कर वहां गया था, लेकिन पहुंचते ही उन्हें वापस भेज दिया गया। अमेरिका जाने के लिए इन्होंने जमीन बेची, लोन लिया और करोड़ों रुपये एजेंटों को दिए। इनमें से कई ने डंकी रूट से जाने के लिए लाखों खर्च किए, लेकिन नतीजा सिर्फ कर्ज और पछतावा निकला। परिजन सदमे में हैं और किसी से बात तक नहीं कर रहे। जिनका घर तक बिक गया, वे अब किराए पर रहने को मजबूर हैं। लाखों खर्च किए, लेकिन सपने टूट गए अमेरिका से लौटे लोगों में असंध के गांव राहड़ा से रवि सिंह, तरसेम, पंघाला निवासी दंपति बलवान और रुबी, सांभी गांव से मनप्रीत सिंह और गुरविंद्र कौर, घोघड़ीपुर की मीनाक्षी, बरास गांव के विजय प्रताप, गढ़ी बीरबल के महक और मोहदीनपुर के साहिल राणा शामिल हैं। इन सभी ने अमेरिका जाने के लिए जमीन बेची, मकान गिरवी रखा, बैंक से लोन लिया और रिश्तेदारों से कर्ज तक उठा लिया था। अब जब ये खाली हाथ लौट आए हैं, तो परिजन सदमे में हैं और किसी से बात करने की हालत में नहीं हैं। डंकी रूट से भेजे गए थे, एयर ट्रैवल का झांसा दिया ये सभी युवक-युवतियां हाल ही में अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन वहां की पुलिस ने पकड़कर तुरंत डिपोर्ट कर दिया। इन लोगों को एजेंटों ने बाय एयर भेजने का झांसा दिया था, लेकिन असल में इन्हें डंकी रूट से भेजा गया। इस दौरान किसी को जंगलों में पैदल चलना पड़ा, तो किसी को दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। अब जब ये वापस लौटे हैं, तो सिर्फ पछतावा ही हाथ लगा है। अब तक 24 युवक-युवतियां लौट चुके अमेरिका से डिपोर्ट होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक जिले के 24 युवक-युवतियां वापस आ चुके हैं। इन सभी ने एजेंटों को करीब 10 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन अमेरिका में कदम रखते ही उन्हें पकड़ लिया गया और वापस भेज दिया गया। इनमें कुछ तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपना रहने का घर तक बेच दिया था और अब किराए पर रह रहे हैं। बच्चों को छोड़ अमेरिका गए, लाखों गंवाकर लौटे असंध के पंघाला गांव निवासी बलवान और रुबी पति-पत्नी ने अमेरिका जाने के लिए करीब 90 लाख रुपये खर्च किए थे। जमीन और मकान पर लोन लिया, रिश्तेदारों से कर्ज उठाया, लेकिन अमेरिका में एक हफ्ता भी नहीं टिक पाए और वापस भेज दिए गए। राहड़ा निवासी रवि ने 45 लाख रुपये खर्च कर अमेरिका जाने का सपना देखा था। बैंक से लोन लिया, बड़े भाई ने जो सेना में है, उसने भी मदद की। लेकिन अमेरिका पहुंचते ही उसे पकड़कर वापस भेज दिया गया। राहड़ा का ही तरसेम, जो छह बहनों का इकलौता भाई है, उसने भी अमेरिका जाने के लिए अपनी डेढ़ एकड़ जमीन बेच दी और एजेंट को 43 लाख रुपये दिए। उसे एयर ट्रैवल का वादा कर डंकी रूट से भेज दिया गया, जहां कई दिनों तक उसे जंगलों में पैदल चलना पड़ा। अब वह वापस आ चुका है और परिवार गहरे आर्थिक संकट में है। दो एकड़ जमीन बेचकर अमेरिका गया, लेकिन दीवार कूदने के बाद पकड़ा गया निसिंग के बरास गांव के विजय प्रताप ने अमेरिका जाने के लिए अपनी दो एकड़ जमीन बेच दी। पिता पहले ही गुजर चुके थे, बड़ा भाई खल की दुकान चलाता है। विजय ने 45 लाख रुपये खर्च कर अमेरिका का टिकट कटाया, लेकिन जैसे ही वह वहां की दीवार कूदा, पकड़ लिया गया और वापस भेज दिया गया। घोघड़ीपुर की मीनाक्षी का भाई तीन साल पहले अमेरिका गया था। उसे लगा कि वह भी वहां जाकर भाई के साथ बेहतर जिंदगी बिता सकेगी। उसने करीब 40 लाख रुपये रिश्तेदारों और भाई के सहयोग से जुटाए और अमेरिका चली गई, लेकिन पहुंचने के 15 दिन बाद ही उसे भी वापस भेज दिया गया। जो लोग अमेरिका जाकर डॉलर कमाने के सपने देख रहे थे, वे अब कर्ज में डूब चुके हैं। कोई बैंक का लोन चुका रहा है, कोई जमीन बेचकर भी खाली हाथ रह गया है। परिजन इस हालत में नहीं हैं कि किसी से बात कर सकें। जो हुआ, उसने पूरे परिवार को आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़कर रख दिया है।
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