Friday, March 28, 2025

पूर्व कांग्रेस विधायक छोक्कर की 44.55 करोड़ की संपत्ति कुर्क:3700 घर खरीदारों को धोखा देने और 500 करोड़ की हेराफेरी के आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के गुरुग्राम जोनल कार्यालय की टीम ने कांग्रेस के पूर्व विधायक धर्म सिंह छोकर, सिकंदर छोकर व विकास छोकर की कंपनियों मेसर्स साईं आइना फार्मर्स प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित 44.55 करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क किया है। यह कार्रवाई ईडी की टीम ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 3700 से अधिक घर खरीदारों को धोखा देने और 500 करोड़ रुपए से अधिक की हेराफेरी के मामले में अस्थायी रूप से की है। पिछले साल छापेमारी की थी पिछले वर्ष ईडी ने कई बार पूर्व विधायक के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। विधायक धर्म सिंह छोकर व उनका बेटा विकास छोकर फरार है, जबकि सिकंदर छोकर जमानत पर है। ईडी की टीम द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों में दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पानीपत में स्थित 13 अचल संपत्तियां शामिल हैं। इन संपत्तियों में करीब तीन एकड़ की कृषि भूमि, 2487 वर्ग मीटर की व्यवसायिक भूमि, आठ आवासीय फ्लैट के अलावा विभिन्न व्यक्तियों से संबंधित लगभग 96 लाख रुपए की चल संपत्तियां, फिक्स्ड डिपॉजिट रसीदें (एफडीआर) और बैंक खातों में धन के रूप में शामिल हैं। घर खरीदारों का पैसे का निजी उपयोग इस मामले में माहिरा इंफेटेक, सीजर बिल्डवेल व माहिरा बिल्ड टेक ने गुरुग्राम के सेक्टर-68, सेक्टर-103 और सेक्टर-104 में मकान उपलब्ध कराने के वादे पर किफायती आवास योजना के तहत 3700 से अधिक घर खरीदारों से लगभग 616.41 करोड़ रुपए एकत्र किए थे। ये सभी कंपनियां पीड़ितों को मकान देने में विफल रहीं। जबकि, घर खरीदारों से एकत्र किए गए धन को पूर्व विधायक व उनके बेटों ने अपने निजी फायदे के लिए पैसा डायवर्ट किया था। ईडी के रिकॉर्ड में फरार है धर्मसिंह छोक्कर उनके खिलाफ कई गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद छोकर और विकास कोर्ट में पेश नहीं हुए। नतीजतन, कोर्ट ने उन्हें 19 मई को पेश होने का निर्देश दिया है। ईडी ने गुरुग्राम पुलिस द्वारा साईं आइना फार्म्स और संबंधित संस्थाओं के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। समय सीमा में घर नहीं दिए आरोपों में बाहरी और आंतरिक विकास कार्यों के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए फर्जी बैंक गारंटी सहित जाली दस्तावेज जमा करना शामिल है। यह धोखाधड़ी गतिविधि गुरुग्राम के सेक्टर 68, 103 और 104 में वादा किए गए किफायती आवास परियोजनाओं के संबंध में की गई थी। जहां कंपनी ने 3,700 घर खरीदारों से रुपए तो ले लिए, लेकिन समय सीमा के भीतर घर देने में विफल रही और कथित तौर पर धन का दुरुपयोग किया।

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