हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर शनिवार (5 अक्टूबर) को शाम 6 बजे तक वोटिंग हुई। चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे। राज्य की ऐसी 10 VIP सीटें हैं, जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। इलेक्शन कमीशन के शाम 6 बजे तक के जारी आंकड़ों के मुताबिक कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की लाडवा सीट पर सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत वोटिंग हुई। जुलाना से कांग्रेस उम्मीदवार विनेश फोगाट की सीट पर 69.08 प्रतिशत, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई सीट पर 61 प्रतिशत वोटिंग हुई। देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल की हिसार सीट पर सबसे कम 57 प्रतिशत वोटिंग हुई है। अभी मतदान प्रतिशत के आंकड़े में बदलाव संभव है। पूर्व डिप्टी सीएम और उचाना से जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला खुद कार चलाकर सिरसा में वोट डालने के लिए पहुंचे। VIP उम्मीदवारों के मतदान की PHOTOS... अब सिलसिलेवार ढंग से राज्य की 10 VIP सीटों का हाल जानिए.... लाडवा : कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे 12 मार्च 2024 को भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को बदलकर कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया था। इसके बाद भाजपा ने 25 मई को करनाल विधानसभा सीट से नायब सैनी को उपचुनाव लड़ाया और उन्होंने जीत हासिल की। 2024 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने नायब सैनी को कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा विधानसभा सीट से टिकट दिया। उनके सामने कांग्रेस के मेवा सिंह उम्मीदवार हैं। वह जाट समाज से आते हैं। लाडवा सीट पर सबसे ज्यादा सैनी समाज के वोट हैं। 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मेवा सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। तब उन्होंने भाजपा उम्मीदवार डॉ. पवन सैनी को हराया था। गढ़ी सांपला किलोई : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड़ रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक जिले की गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने भाजपा ने जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा को टिकट दिया है। इस सीट पर सबसे ज्यादा जाट समाज के वोट हैं। भूपेंद्र हुड्डा भी इसी कम्युनिटी से आते हैं। हुड्डा लगातार 5 बार से इस सीट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं। अगर इस बार कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलता है तो वह मुख्यमंत्री चेहरे के प्रबल दावेदार हैं। जुलाना : पहलवान विनेश फोगाट चुनाव लड़ रहीं पेरिस ओलिंपिक 2024 में डिसक्वालिफाई होने के बाद विनेश फोगाट ने पहलवानी से संन्यास ले लिया था। राज्य में विधानसभा चुनाव ऐलान के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गईं। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें जुलाना से टिकट दे दिया। जुलाना के बख्ता खेड़ा गांव में विनेश की ससुराल है। उनके सामने भाजपा ने कैप्टन योगेश बैरागी, इनेलो-बसपा ने डॉ. सुरेंद्र लाठर और जजपा ने अमरजीत ढांडा को टिकट दिया है। 2019 में अमरजीत ढांडा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के सामने इस सीट पर करीब 15 साल का सूखा है। आखिरी बार 2005 में कांग्रेस के शेर सिंह ने जीत दर्ज की थी। उचाना कलां : दुष्यंत चौटाला और बृजेंद्र सिंह आमने-सामने जींद जिले की उचाना कलां विधानसभा सीट पर पूर्व डिप्टी सीएम और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह हैं। भाजपा ने यहां देवेंद्र अत्री को टिकट दिया है। इसके अलावा यहां कांग्रेस से बागी वीरेंद्र घोघड़ियां भी चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने रिकॉर्ड 47,452 वोटों से जीत दर्ज की थी। तब उन्होंने भाजपा उम्मीदवार प्रेमलता सिंह को हराया था। प्रेमलता सिंह, बृजेंद्र सिंह की मां है। उचाना सीट को लेकर चौधरी बीरेंद्र सिंह और दुष्यंत चौटाला में खींचतान चली आ रही है। हिसार : देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रही हिसार विधानसभा सीट पर भाजपा से बागी देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं। वह जिंदल ग्रुप के चेयरमैन रहे स्व. ओपी जिंदल की पत्नी हैं। भाजपा ने यहां पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने रामनिवास राड़ा को टिकट दिया है। सावित्री जिंदल के बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। साल 2005 में ओपी जिंदल के निधन के बाद हिसार सीट पर हुए उपचुनाव में सावित्री जिंदल कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनी थीं। इसके बाद 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में भी सावित्री जिंदल ने जीत दर्ज की और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया। सावित्री जिंदल ने 2014 में भी कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। इसके बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली। इस चुनाव में वह भाजपा से टिकट मांग रही थीं। अटेली : केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव चुनाव लड़ रही महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा सीट पर केंद्रीय राज्यमंत्री और गुरुग्राम से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने यहां पूर्व विधायक सीताराम यादव का टिकट काटकर आरती का पॉलिटिकल डेब्यू कराया। यह उनका पहला विधानसभा चुनाव है। उनके सामने कांग्रेस ने अनीता यादव और इनेलो-बसपा ने ठाकुर अत्तर लाल को टिकट दिया है। ठाकुर अत्तर लाल पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे। भाजपा इस सीट पर लगातार 2 चुनाव जीतती आ रही है। कांग्रेस की अनीता यादव ने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी। अंबाला कैंट : पूर्व गृह मंत्री अनिल विज चुनाव लड़ रहे अंबाला कैंट विधानसभा सीट पर पूर्व गृह मंत्री अनिल विज चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस के परविंदर सिंह परी मैदान में हैं। इसके अलावा कांग्रेस से बागी चित्रा सरवारा निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। अनिल विज 6 बार कैंट विधानसभा सीट से विधायक बन चुके हैं। वह हरियाणा का बड़ा पंजाबी चेहरा हैं। वह मनोहर लाल खट्टर की सरकार के दोनों टर्म में मंत्री रहे। नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद वह मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए। हाल ही में विज ने मुख्यमंत्री चेहरे का दावा ठोका है। तोशाम : पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के पोता-पोती में टक्कर भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा सीट पर भाजपा की श्रुति चौधरी चुनाव लड़ रही हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पोती हैं। कांग्रेस ने यहां बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है। इस सीट पर चचेरे भाई-बहन आमने-सामने होने की वजह से मुकाबला रोचक बना हुआ है। इस सीट पर लगातार 3 बार से श्रुति की मां किरण चौधरी कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनती आ रही थीं। साल 2024 में लोकसभा चुनाव के बाद श्रुति चौधरी और किरण चौधरी भाजपा में शामिल हो गईं। सिरसा : एयर होस्टेस सुसाइड केस से चर्चा में आए गोपाल कांडा चुनाव लड़ रहे सिरसा सीट पर हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के सुप्रीमो गोपाल कांडा चुनाव लड़ रहे है। कांग्रेस ने यहां उनके सामने इस सीट पर 5 बार विधायक रहे स्व. लक्ष्मण दास अरोड़ा के नाती गोकुल सेतिया को टिकट दिया है। भाजपा ने यहां रोहताश जांगड़ा को टिकट दिया था। नामांकन वापसी के आखिरी दिन रोहताश ने नामांकन वापस ले लिया था। ऐसी चर्चा है कि भाजपा यहां गोपाल कांडा को समर्थन दे रही है। 2019 विधानसभा चुनाव में गोपाल कांडा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। तब निर्दलीय गोकुल सेतिया ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। सेतिया सिर्फ 602 वोट से चुनाव हारे थे। आदमपुर : पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई चुनाव लड़ रहे हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। साल 1967 से भजनलाल परिवार ही यह सीट जीतता आ रहा है। कांग्रेस ने यहां पूर्व IAS अधिकारी चंद्रप्रकाश को टिकट दिया है। 2019 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुलदीप बिश्नोई विधायक बने थे। कांग्रेस से खटपट के बाद उन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। 2022 में इस सीट पर उपचुनाव हुए तो भाजपा उम्मीदवार भव्य बिश्नोई ने इस सीट पर जीत दर्ज की।
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