Thursday, September 11, 2025

भिवानी की बॉक्सर ने इंडिया का पहला मेडल किया पक्का:वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उज्बेकिस्तान की खिलाड़ी को 4-1 से हराया, नूपुर का सेमीफाइनल कल

भिवानी स्थित गुरु द्रोणाचार्य कैप्टन हवा सिंह बॉक्सिंग अकादमी की बॉक्सर नूपुर श्योराण ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025 में भारत के लिए पहला मेडल पक्का किया है। जिन्होंने इंग्लैंड के लिवरपूल में आयोजित अपने मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए उज्बेकिस्तान की खिलाड़ी को 4-1 से हराया और खुद सेमीफाइनल में पहुंच गई। इसके साथ ही उन्होंने भारत के लिए पहला मेडल भी पक्का कर दिया है। नूपुर श्योराण के पिता संजय श्योराण ने बताया कि अब उन्हें बेटी से गोल्ड मेडल की उम्मीद है। नूपुर श्योराण ने 80 प्लस किलोग्राम भारवर्ग में उज्बेकिस्तान की खिलाड़ी ओल्टीनॉय सोतिमबोएवा के साथ शानदार बॉक्सिंग मुकाबला खेला। पहले राउंड में नूपुर ने जीत हासिल की। लेकिन दूसरे राउंड में उज्बेकिस्तान की खिलाड़ी भारी रही। तीसरे राउंड में नूपुर श्योराण ने वापसी करते हुए उज्बेकिस्तान की बॉक्सर को हराते हुए 4-1 से मुकाबला अपने नाम कर लिया। सेमीफाइनल में टर्की की खिलाड़ी से भिडे़ंगी नूपुर मुकाबला जीतने के साथ ही नूपुर श्योराण ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला मेडल भी पक्का कर दिया है। साथ ही वे सेमीफाइनल में पहुंच गई है। नूपुर श्योराण का सेमी फाइलन मुकाबला 12 सितंबर को टर्की की खिलाड़ी के साथ होगा। संजय श्योराण ने कहा कि उन्हें बेटी से गोल्ड मेडल की उम्मीद है, जिस पर बेटी खरा उतरेगी। साढ़े 7 साल पहले की थी बॉक्सिंग शुरू नूपुर श्योराण ने बॉक्सिंग की करीब साढ़े 7 साल पहले शुरू की थी। वहीं अब वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए सुबह और शाम को ढाई-ढाई घंटे प्रैक्टिस करती थी। साथ ही डाइट का भी ध्यान रखती। वे खेल के साथ-साथ पढ़ाई में मैं काफी अच्छी थी। 12वीं में 92 प्रतिशत अंक थे। उन्होंने बॉक्सिंग साढ़े 7 साल पहले शुरू की थी। वह वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023 में भी खेलीं, लेकिन 5वें नंबर पर रहीं। कैप्टन हवासिंह की पोती ने भारत का मेडल किया पक्का भिवानी में एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों ने बॉक्सिंग को इंटरनेशनल चैंपियन दिए हैं। भिवानी में बॉक्सिंग की शुरुआत करने वाले व बॉक्सिंग के लिए भिवानी को प्रसिद्ध करने वाले कैप्टन हवा सिंह की पोती नुपुर ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए मेडल पक्का किया है। बता दें कि कैप्टन हवा सिंह ने 1966 व 1970 में दो बार एशियन खेलों में गोल्ड मेडल जीते थे। साल 1961 से 1972 तक उन्होंने लगातार 11 बार हैवीवेट वर्ग में राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती। उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ने के बाद कई बॉक्सर तैयार किए। वहीं कैप्टन हवासिंह को अर्जुन अवॉर्ड व द्रोणाचार्य अवॉर्ड भी मिले हैं। कैप्टन हवासिंह के बेटे संजय श्योराण भी इंटरनेशनल चैंपियन रह चुके हैं। उन्होंने एशियन खेलों में मेडल जीता था। सरकार ने उन्हें भीम अवॉर्ड से सम्मानित भी किया है। फिलहाल वे गुरु द्रोणाचार्य कैप्टन हवा सिंह बॉक्सिंग अकादमी में कोचिंग दे रहे हैं। वहीं संजय श्योराण की पत्नी मुकेश रानी भी बास्केटबॉल की खिलाड़ी रही हैं और एशियाई चैंपियनशिप में पदक विजेता हैं।

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