Monday, August 26, 2024

हरियाणा में गोपाल कांडा के भाई को बैरंग लौटाया:जनसंपर्क किए बगैर लौटे BJP नेता; ग्रामीण बोले-5 साल नहीं सुनीं तो अब क्यों आए

हरियाणा में सिरसा से विधायक गोपाल कांडा के भाई व भाजपा नेता गोबिंद कांडा को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है। वह चुनाव के चलते गांव नारायण खेड़ा में जनसंपर्क करने पहुंचे थे। गांव में पहुंचते ही उन्हें ग्रामीणों ने घेर लिया था, जिसके चलते उन्हें बैरंग ही लौटना पड़ा। इस दौरान लोगों ने कहा कि वह फसलों की बर्बादी, नशे से होने वाली मौतें, पानी की किल्लत जैसी कई समस्याएं झेल रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार ने इन मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। इसी दौरान लोगों ने गोबिंद कांडा से पूछा कि नेता गांवों का दौरा क्यों करते हैं, जब उन्हें गांव की समस्याओं का समाधान करने में कोई रुचि नहीं होती? भाजपा नेता का लोगों ने किया विरोध सिरसा सीट से हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) के गोपाल कांडा विधायक हैं। विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू होने के बाद गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा शनिवार शाम करीब 7 बजे गांव नारायण खेड़ा में जनसंपर्क के लिए पहुंचे थे, लेकिन विधायक के भाई को गांव में देख लोगों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान कई ग्रामीणों ने उनसे गांव की समस्याओं और विकास कार्यों को लेकर भी सवाल पूछे। सरकार नहीं दे रही जनता के मुद्दों पर ध्यान गोबिंद कांडा वोट मांगने के उद्देश्य से गांव पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने अपनी बात शुरू की तो ग्रामीणों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में फसलों की बर्बादी, क्षेत्र में बढ़ती लड़ाइयां, नशे से होने वाली मौतें और पानी की किल्लत जैसी कई गंभीर समस्याएं हैं। इन समस्याओं को लेकर वह धरना प्रदर्शन भी दे चुके हैं, लेकिन अभी तक न तो सरकार ने और न ही नेताओं ने इन मुद्दों पर ध्यान दिया। चुनाव के समय ही क्यों करते हो दौरा विरोध के दौरान ग्रामीणों ने कांडा के सामने सवाल उठाया कि चुनाव के समय ही नेता गांव का दौरा क्यों करते हैं? जबकि गांव की समस्याओं का समाधान करने में उनकी कोई रुचि नहीं होती। इस दौरान कांडा लोगों को काफी समझाते हुए भी नजर आए, लेकिन लोगों ने उनकी एक न सुनी। बिना जनसंपर्क किए लौटे कांडा विरोध कर रहे लोगों ने नारेबाजी करते हुए गोबिंद कांडा को चारों ओर से घेर लिया। इस दौरान उनके साथ पुलिस और खुद के सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे। काफी समझाने पर भी जब लोग नहीं माने और नारेबाजी जारी रही तो बढ़ते विरोध और नाराजगी को देखते हुए गोबिंद कांडा को बिना जनसंपर्क किए ही गांव से लौटना पड़ा। 2021 में भाजपा में शामिल हुए थे गोबिंद कांडा गोबिंद कांडा काफी लंबे समय से राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें कुछ खास सफलता नहीं मिली। 2014 और 2019 में उन्होंने रानियां से हलोपा के टिकट पर चुनाव ल़ड़ा, लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2021 में गोबिंद कांडा हलोपा छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा ने उन्हें ऐलनाबाद के उप-चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया। हालांकि, इस चुनाव में भी गोबिंद कांडा को हार का सामना करना पड़ा। इनेलो कैंडिडेट अभय सिंह चौटाला ने इस चुनाव में गोबिंद कांडा को 6708 वोटों के अंतर से हरा दिया था। बेटे को उम्मीदवार घोषित करने पर मचा था बवाल हलोपा ने 14 अगस्त को मंत्री रणजीत चौटाला की सीट रानियां से उम्मीदवार का ऐलान किया था। इस सीट पर हलोपा ने BJP नेता गोबिंद कांडा के बेटे धवल कांडा को उम्मीदवार बनाया। हलोपा गोपाल कांडा की पार्टी है, जो नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) में शामिल है। कुछ दिन पहले CM नायब सैनी ने हलोपा के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी। उधर, धवल कांडा को उम्मीदवार बनाए जाने पर रणजीत चौटाला ने कहा कि इस बारे में उनका कुछ नहीं कहना है। ऐसे में यदि भाजपा ने रानियां से हलोपा उम्मीदवार का समर्थन किया तो रणजीत चौटाला की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। हालांकि, अभी तक भाजपा की ओर से धवल कांडा को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। रणजीत के पाला बदलने की चर्चा, बोले- मैं भाजपा में रहूंगा भाजपा की सहयोगी पार्टी हलोपा द्वारा रानिया सीट से प्रत्याशी उतारे जाने से रणजीत चौटाला बेचैन हैं और उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली दरबार तक कर दी है। इसके बाद कांडा भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिलने दिल्ली भी गए थे। लेकिन कांडा ने धवल कांडा की उम्मीदवारी बरकरार रखी, जिससे रणजीत चौटाला और भड़क गए। वहीं भाजपा की ओर से जारी 3 कमेटियों की सूची में भी उनका नाम नहीं है। ऐसे में रणजीत चौटाला के खेमे से खबरें आ रही हैं कि रणजीत चौटाला पाला बदलकर कांग्रेस में जा सकते हैं। लेकिन वह खुद इस बात से इनकार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मैं भाजपा में हूं और 100 फीसदी रानिया से हूं।

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