Thursday, September 26, 2024

नूंह सीट पर हिंसा की दहशत,लोग बात तक नहीं करते:मुस्लिम सीट पर BJP को पोलराइजेशन के दांव से खास फायदा नहीं; कांग्रेस-इनेलो में टक्कर

हरियाणा का मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह कई दशकों से विकास की मांग कर रहा है। 31 जुलाई 2023 को नूंह में विश्व हिंदू परिषद की ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हिंसा हुई थी। 2 समुदाय के बीच हुई गोलीबारी के बाद पूरे देश में नूंह चर्चा का विषय बना। अब हिंसा के तकरीबन एक साल बाद इस मुद्दे पर स्थानीय लोग बोलने को तैयार नहीं हैं। नूंह के शिव मंदिर के पास ज्यादा बवाल हुआ था। यहां गांव में तकरीबन 10 घर हैं। दैनिक भास्कर की टीम वहां पहुंची। एक या दो कच्चे-पक्के कमरों के घरों में हर कोई अपने कामों में व्यस्त था। भास्कर टीम को देख हर कोई नजरें चुराता दिखा। बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बात करने से ही मना कर दिया। लोगों का कहना था, 'अगर कुछ भी मीडिया में बोल दिया तो रात तक यहां हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग पहुंच जाएंगे और उन्हें जवाब देना होग। हिंसा के बाद उनके गांव की तरफ से दिए बयानों के कारण सभी उनसे पहले से नाराज हैं।' कांग्रेस ने यहां आफताब अहमद, इनेलो-बसपा ने ताहिर हुसैन, जजपा-असपा ने बीरेंद्र सिंह और आम आदमी पार्टी (AAP) ने राबिया किदवई को उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा ने राजपूत समाज से आने वाले संजय सिंह को टिकट देकर हिंदू वोटों में ध्रुवीकरण की कोशिश की है। संजय सिंह हिंदू फायर ब्रांड नेता के तौर पर जाने जाते हैं और वे लगातार अपने भाषण में मेवात के मुस्लिम समुदाय को खुली चुनौती देते रहे हैं। भाजपा ने कहीं न कहीं संजय सिंह को उम्मीदवार बनाकर हिंदू बाहुल्य सीटों को भी टारगेट किया है। नूंह सीट पर करीब 2.08 लाख वोटर हैं। यहां टूटी सड़कें, पीने के पानी की समस्या के साथ शिक्षा व बेरोजगारी सबसे बड़े मुद्दे हैं। ये सोच युवा मोहम्मद उज्जैर खान तक सीमित नहीं है। चुनाव में नूंह के अधिकतर युवा व बुजुर्ग वोटर यही मांग उठा रहे हैं। प्रदेश में 5 अक्टूबर को वोटिंग से पहले भास्कर ने ग्राउंड रिपोर्ट को समझने के लिए लोगों, पॉलिटिकल पार्टियों और एक्सपर्ट्स से बात की। जिसमें सामने आया कि नूंह में पार्टी नहीं, चेहरों पर चुनाव लड़ा जाता है। यहां हिंदू-मुस्लिम नहीं, विकास बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के बीच कड़ी टक्कर है। भाजपा के लिए लोगों में नाराजगी है। जजपा और AAP की कहीं चर्चा ही नहीं हो रही। हालांकि वोटिंग तक चुनाव किसी भी तरफ घूम सकता है। 4 पॉइंट्स में समझें नूंह विधानसभा सीट के समीकरण कांग्रेस विकास के मुद्दे पर लड़ रही चुनाव आफताब अहमद साल 2009 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे। 2014 में भी उन्होंने चुनाव लड़ा, लेकिन इनलो के जाकिर हुसैन से चुनाव हार गए। 2019 में वह दूसरी बार विधायक बने। 2024 कांग्रेस ने उन्हें चौथी बार टिकट दिया है। आफताब का फोकस नूंह का विकास व युवाओं के लिए शिक्षा को बेहतर बनाना है। वे अपनी सभाओं में 2014 से पहले कांग्रेस सरकार का जिक्र कर रहे हैं और उस समय में नूंह को मिले मेडिकल कॉलेज और आईटीआई का उदाहरण देकर वोटरों को अपनी तरफ कर रहे हैं। कांग्रेस भाजपा को 10 साल के कार्यकाल पर घेर रही है। 10 सालों में नूंह के विकास को मुद्दा बनाया जा रहा है। यहां की टूटी सड़कें और पाने के पानी की समस्या को भी उठाया जा रहा है। भाजपा पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि 10 साल के कार्यकाल में यहां कोई विकास नहीं हुआ। युवाओं को लुभाने के प्रयास में ताहिर हुसैन पूर्व विधायक जाकिर हुसैन के बेटे ताहिर हुसैन की बात करें तो उनका फोकस अधिकतर युवाओं पर है। उनकी भीड़ में भी अधिकतर युवा दिखते हैं। वे शिक्षा, युवाओं को नौकरी और इंडस्ट्री के साथ रोजगार के अवसर देने की बातें अपने भाषणों में करते हैं। ताहिर INLD और बसपा के उम्मीदवार हैं और खुद मुस्लिम समुदाय से संबंध रखते हैं। ऐसा करके वे नूंह हलके के मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ यहां के दलित और जाट वोटरों को भी अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं। दूसरी बार नूंह से चुनाव लड़ रहे संजय सिंह भाजपा ने सोहना से 2019 में विधायक बने पूर्व मंत्री संजय सिंह की सीट बदलकर नूंह से उम्मीदवार बनाया है। संजय सिंह ने 2009 में भी नूंह सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और करीब 17 हजार वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में संजय सिंह भाजपा के 10 सालों के काम को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं। बीते दिनों भाजपा की तरफ से मेनिफेस्टो जारी किया गया था, जिसमें महिलाओं को 2100 रुपए, सस्ता गैस सिलेंडर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर संजय सिंह नूंह के वोटरों को अपने हक में करने का प्रयास कर रहे हैं। नूंह हिंसा में 6 लोगों की गई थी जान विश्व हिंदू परिषद की तरफ से 31 जुलाई 2023 को हरियाणा के नूंह में ब्रजमंडल यात्रा निकाली गई थी। नल्हड़ स्थित नल्हेश्वर मंदिर से यात्रा निकलने के बाद तिरंगा पार्क के पास पथराव हो गया। इसके बाद नूंह ही नहीं, बल्कि पड़ोसी जिले फरीदाबाद, गुरुग्राम और पलवल में भी हिंसा भड़की। हिंसा में होमगार्ड के 2 जवानों सहित 6 लोगों की मौत हो गई। 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हिंसा भड़काने का आरोप 3 बड़े चेहरों पर लगा था। इनमें गौरक्षक मोनू मानेसर, बिट्‌टू बजरंगी और कांग्रेस के पूर्व विधायक मामन खान शामिल हैं। मामन खान पर विधानसभा और हिंसा से पहले की गई पोस्ट को लेकर सवाल खड़े किए गए। नूंह पुलिस ने सबसे पहले बिट्‌टू बजरंगी को गिरफ्तार किया। इसके बाद मामन खान को 2 बार नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वह नहीं आए। फिर उन्हें मोनू मानेसर की गिरफ्तारी के बाद राजस्थान से पकड़ा गया। अब वह जमानत पर बाहर हैं। इस साल 22 जुलाई 2024 को कड़ी सुरक्षा के बीच ब्रजमंडल यात्रा निकाली गई। क्या कहते हैं नूंह के वोटर... सरपंच हमीन बोले- भाजपा सरकार में कुछ काम नहीं हुए निजामपुर के सरपंच अबदुल हमीन कहते हैं कि यहां कांग्रेस की लहर चल रही है। भाजपा सरकार में यहां कुछ काम नहीं हुए। सरकार के 10 साल होने के बाद लोगों का मन भर गया है। भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने सीएम रहते यहां आईटीआई का निर्माण कराया। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज बनवाया। पहले लोगों को इलाज के लिए फरीदाबाद और पलवल जाना पड़ता था। यहां आज ऑपरेशन फ्री में हो रहे हैं। राजस्थान के लोग इस मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आ रहे हैं। यहां लोग इनेलो को लेकर कह रहे हैं कि इनेलो और भाजपा का गठबंधन है। अगर इनेलो के कैंडिडेट को जीता दिया तो वह भाजपा के साथ चला जाएगा। आफताब अहमद के पिता खुर्शीद ने यहां जेबीटी कॉलेज बनवाया था। इससे यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला था। अब यहां कोई फैक्ट्री नहीं है। लोग बस ये चाहते हैं कि हमें रोजगार मिल जाएं। भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा यहां आते हैं तो लोगों की सुनवाई करते हैं। जब भी यहां मनोहर लाल खट्‌टर आए तो वह सीधा रेस्ट हाउस से ही चले गए। उन्होंने लोगों का हाल जानने तक की कोशिश नहीं की। इमरान ने कहा- आफताब विपक्ष में रहकर भी आवाज बने इमरान खान ने कहा कि नूंह में आफताब अहमद बड़ी लीड से चुनाव जीतेंगे। उन्होंने विपक्ष में रहने के बाद भी पूरी जिम्मेदारी के साथ यहां जनता की आवाज उठाई है। इसीलिए नूंह का चुनाव एकतरफा है। मेडिकल कॉलेज कांग्रेस की देन है। भाजपा ने उसे सफेद हाथी बनाकर खड़ा कर दिया। वहां अब पट्‌टी तक नहीं मिलती। ऐसी सरकार का क्या फायदा। जितेंद्र बोले- यहां हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं ढाबा संचालक जितेंद्र ने बताया कि यहां कां ग्रेस और इनेलो में टक्कर है। पिछले 5 साल यहां कांग्रेस के विधायक रहे, लेकिन कोई ज्यादा विकास नहीं हुआ। सड़कें सारी टूटी हुई हैं। यहां हिंदू मुस्लिम जैसा कोई मुद्दा नहीं है, यहां सभी समुदाय के लोग मिलकर रहते हैं। नूंह हिंसा का पता नहीं कैसे हो गई, वर्ना यहां ऐसा माहौल बिल्कुल भी नहीं है। उमरदीन ने कहा- आफताब भला आदमी उमरदीन ने कहा कि यहां से चौधरी आफताब हुसैन जीत रहा है। लोगों का माहौल बन चुका है। ये भला आदमी है। इसके अंदर अच्छाई है। ये बहकाता नहीं है। यही इसकी खासियत है। नूंह में क्या, पूरे हरियाणा में इस बार कांग्रेस का माहौल बना हुआ है। इस बार चुनाव में कोई मुद्दा ही नहीं है, सभी इसकी अच्छाई को देखते हुए वोट देंगे। अशफाक बोले- नूंह में इनेलो का माहौल अशफाक ने कहा कि इनेलो को नूंह से इस बार बढ़त मिलेगी। इनेलो युवाओं को साथ लेकर चल रही है। ताहिर की सोच अच्छी है, वे युवाओं के लिए काम करना चाहते हैं। युवाओं के लिए नौकरियां, अच्छी एजुकेशन नूंह में देने की उनकी कोशिश है। नूंह को वह विकास की तरफ लेकर जाना चाहते है। अब बात पॉलिटिकल पार्टियों के दावों की... भाजपा- प्रदेश मीडिया प्रभारी अरविंद सैनी कहते हैं कि नूंह में बीजेपी अपने 10 सालों के कार्यकाल में कराए गए कामों को लेकर वोट मांग रही है। इसके अलावा मेवात विकास बोर्ड के जरिए सरकार गरीबी, बेरोजगारी और आर्थिक पिछड़ेपन को दूर कर रही है। मेवात विकास एजेंसी के जरिए सरकार योजनाओं को पूरा करने में जुटी है। इनेलो - मीडिया कोऑर्डिनेटर राकेश सिहाग ने बताया कि नूंह इनेलो का बेस रहा है। चौटाला साहब ने अपने कार्यकाल के दौरान यहां कई विकास कार्य करवाए। अभय चौटाला ने भी 4200 किमी की पदयात्रा का शुभारंभ नूंह के सिंगार गांव से किया था। अपने विकास कार्यों व इनेलो के नूंह से जुड़ाव के कारण यहां से जीत सुनिश्चित है। कांग्रेस- प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान का कहना है कि नूंह से कांग्रेस के ही विधायक हैं। पिछले 5 सालों में उन्होंने अपने हलके में काफी काम करवाए। इस बार नूंह ही नहीं, कांग्रेस का पूरे हरियाणा में माहौल है। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान नूंह को विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास किए। मेडिकल सुविधा के लिए लोगों को दूर-दूर तक जाना पड़ता था, लेकिन कांग्रेस ने विकास के साथ यहां के लोगों को मेडिकल कॉलेज खोल सभी सुविधाएं दीं।

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