हरियाणा में फिर से कल (26 अप्रैल) से मौसम बदलने वाला है। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने 16 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश के आसार जताया हैं। इनमें 5 जिले ऐसे चिह्नित किए हैं, जिनमें ओले गिरने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। इस दौरान 50 किलोमीटर की स्पीड से हवाएं भी चलेंगी। 26 अप्रैल को चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार और जींद शामिल हैं। वहीं 27 अप्रैल को चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला, सिरसा, हिसार में यलो अलर्ट, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और फतेहाबाद में ऑरेंज अलर्ट किया गया है। इसलिए हो रहा मौसम में बदलाव मौसम में इस बदलाव की वजह विशेषज्ञों ने बताया है कि अब चार पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो चुके हैं। इनका आंशिक असर हरियाणा में भी हो रहा है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में यह बदलाव अप्रैल के लास्ट तक रहने वाला है। इस दौरान बीच-बीच में हल्के बादल आने की संभावना है। दिन के अधिकतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी रहेगी, लेकिन रात के न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट होने के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल के बाद मौसम में बदलाव दिखाई देंगे। इस दौरान सूबे में तपिश बढ़ेगी, दिन का पारा 40 डिग्री के पार रहने की संभावना है। मई की शुरुआत में ही लू का प्रकोप भी लोगों को झेलना पड़ सकता है। इन जिलों में खराब हो चुका मौसम हरियाणा में कुछ जिलों में लगातार मौसम खराब हो रहा है। 24 घंटे में हरियाणा के सोनीपत, रोहतक, रेवाड़ी, सिरसा के साथ कुछ अन्य जिलों में हल्की बूंदाबांदी हो चुकी है। पिछले 20 दिनों की बात करें तो सूबे में 1.7 मिलीलीटर बारिश हो चुकी है। जबकि सामान्य तौर पर 7.4 मिलीलीटर बारिश होती है। अप्रैल में यह बारिश 5.7 कम बारिश है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि अभी हरियाणा में मौसम परिवर्तनशील है, इसलिए बारिश का यह आंकड़ा बढ़ने के पूरे आसार हैं। किसानों के लिए नुकसान देय बारिश हरियाणा में बारिश के अलर्ट को लेकर एक बार फिर किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसका कारण है मंडियों में गेहूं के धीमे उठान हो रहा है। प्रदेश में करीब 60% गेहूं की फसल मंडियों में पहुंच चुकी है। 21 अप्रैल तक मंडियों में करीब 46.54 लाख टन गेहूं पहुंच चुका है, लेकिन 40 लाख टन ही गेहूं की खरीद हुई है।हैरानी इस बात की है कि अभी इस गेहूं की फसल में सिर्फ 2.70 लाख मीट्रिक टन ही फसल का उठान हुआ है। ओवरआल सिर्फ 36% ही फसल का उठान हो पाया है, बाकी गेहूं मंडियों में खुला पड़ा हुआ है। अप्रैल में छह दिन पहले भी गिर चुके ओले हरियाणा में छह दिन पहले मौसम का मिजाज बदल चुका है। चार जिले ऐसे रहे जहां तेज हवा के बाद बारिश हुई और ओले भी गिरे थे। मार्च से लेकर अप्रैल में इस बार दो महीने में चार बार बारिश के साथ ओले गिर चुके हैं। इससे सूबे के गेहूं और सरसों के किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। मौसम विभाग के अलर्ट को लेकर फिर से सूबे के किसानों की चिंताए बढ़ गई है। दक्षिण और दक्षिण पूर्व के रोहतक, सोनीपत, पानीपत इसके अलावा पश्चिम और दक्षिण पश्चिम के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, चरखी दादरी और भिवानी को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
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