Sunday, December 29, 2024

बच्चों के होमवर्क में दादा-दादी और नाना-नानी मेंटर की भूमिका निभाएंगे

भास्कर न्यूज | रोहतक इस बार शीतकालीन अवकाश में निपुण कार्यक्रम और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की अनुपालना में होमवर्क में बदलाव किया है। इस बार बाल वाटिका से कक्षा पांचवीं के बच्चों को परंपरागत शिक्षण लेखन से हटकर होमवर्क दिया जाएगा। इसमें नाना-नानी, दादा-दादी और बड़े सदस्य मेंटर की भूमिका निभाएंगे, जिससे वे अपने अनुभवों के जरिए नई पीढ़ी को सामान्य ज्ञान के साथ संस्कार, मार्गदर्शन, दक्षता, कौशल व्यवहार कुशलता प्रदान करेंगे। यह सभी गतिविधियां जहां विद्यार्थी को पढ़ने-लिखने, गणना जैसे कौशल देगी, वहीं उन्हें आकलन, अनुमान लगाना, विश्लेषण, एकीकरण, प्रथक्करण, अवलोकन, प्रबंधन और प्रस्तुतीकरण सिखाएगी। होमवर्क में किए बदलाव को लेकर हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। जिला एफएलएन कोऑर्डिनेटर रुपांशी हुड्डा ने बताया कि इस बार बच्चों को निपुण कार्यक्रम के जरिए होमवर्क के लिए विभिन्न गतिविधियां करने को दी जाएगी। इसकी खास बात यह है कि वो बच्चों को अकेले नहीं, बल्कि अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर करनी होगी। वहीं, विद्यार्थी के शब्दकोष का विस्तार करेगा। इसमें बच्चों में अपनी मातृभाषा में गीत, लोकगीत, पहेलियां, कहानियां, किस्से, विचार, रिवाज, परिवार के सदस्यों की पिछली पीढ़ियों की जानकारी, परम्परा, भोजन और व्यंजन से संबंधित जानकारी प्राप्त करेंगे। ^हरियाणा स्कूल परियोजना परिषद ने इस बार बाल वाटिका 3 से कक्षा 5वीं तक के विद्यार्थियों के लिए निपुण कार्यक्रम और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की अनुपालना में होमवर्क में बदलाव किए हैं। इनमें अनुभव आधारित शिक्षा पर जोर दिया है। इसमें बच्चों की मदद उनके दादा-दादी, नाना-नानी, अभिभावक और अन्य परिजन उनकी मदद करेंगे। इसके लिए अभिभावक शिक्षक मीटिंग का आयोजन करके उन्हें समझाया गया है। -दिलजीत सिंह, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, रोहतक।

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