हरियाणा में 20 दिसंबर को होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन रेखा शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। 10 दिसंबर यानी आज रेखा शर्मा अपना नामांकन दाखिल करेंगी। इस दौरान रेखा शर्मा के साथ मुख्यमंत्री नायब सैनी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली भी मौजूद रहेंगे। पार्टी के सभी विधायक और मंत्री भी चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा के कई बड़े चेहरे रेखा शर्मा के नामांकन कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसराना से भाजपा विधायक और कैबिनेट मंत्री कृष्णलाल पंवार के इस्तीफे के बाद ये सीट खाली हुई थी। कयास लगाए जा रहे थे कि दलित कोटे से खाली हुई इस सीट के लिए भाजपा किसी दलित चेहरे को ही उम्मीदवार बनाएगी, लेकिन पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे को उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेला। रेखा शर्मा हरियाणा के पंचकूला जिले की रहने वाली हैं। यहां उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रूप से अपनी अलग पहचान बनाई। इसके बाद वह लोकल स्तर पर भी भाजपा में काफी सक्रिय रहीं, जिसके कारण उनकी पहुंच भाजपा के बड़े नेताओं तक है। हरियाणा के इन दिग्गज चेहरों को लगा झटका इस राज्यसभा सीट के लिए पार्टी के दिग्गज नेता कुलदीप बिश्नोई, सुनीता दुग्गल, मोहनलाल बड़ौली, कैप्टन अभिमन्यु, रामबिलास शर्मा, ओपी धनखड़, डॉ. बनवारी लाल समेत एक दर्जन नेताओं का नाम सामने आ रहा था। हालांकि भाजपा ने राज्यसभा के लिए रेखा शर्मा का नाम फाइनल कर सभी को चौंका दिया। रेखा शर्मा का नाम इन 3 वजहों से फाइनल हुआ... 1. पीएम मोदी की करीबी होने का फायदा मिला रेखा शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी करीबी हैं। जब मोदी हरियाणा के संगठन मंत्री थे, तब रेखा पंचकूला में भाजपा ऑफिस संभालती थीं। इसके अलावा वह सामाजिक कार्यों में भी काफी एक्टिव रहीं। 2. दिल्ली में काम करने का अच्छा अनुभव जितने भी नेता इस राज्यसभा सीट पर दावा ठोक रहे थे, उनमें दिल्ली का अनुभव रेखा के मुकाबले कम था। रेखा दिल्ली में 2015 से एक्टिव हैं। नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने रेखा शर्मा को राष्ट्रीय महिला आयोग में बतौर सदस्य के रूप में जिम्मेदारी भी सौंपी थी। इसके बाद वह अध्यक्ष भी बनीं। उनका कार्यकाल लगभग 9 साल का रहा। 3. नया चेहरा होना भी उनके फेवर में रहा तीसरा फैक्टर उनके फेवर में यह रहा कि वह हरियाणा की एक्टिव पॉलिटिक्स में नए चेहरे के रूप में उभरी हैं। हालांकि अभी तक वह दिल्ली में ही एक्टिव रहकर काम कर रही थीं, लेकिन अब हरियाणा में वह बड़ी पहचान लेकर राजनीति में सक्रिय रहेंगी। उनके नाम के ऐलान को लेकर हरियाणा की सियासत में काफी हलचल है, क्योंकि किसी को भी उनके राज्यसभा में जाने की उम्मीद नहीं थी। रेखा शर्मा का राजनीतिक करियर साल 1964 में जन्मी रेखा शर्मा ने उत्तराखंड से पॉलिटिकल साइंस की डिग्री लेने के बाद मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग में डिप्लोमा किया। हालांकि, इसके बाद उनका करियर सीधे राजनीति को ओर बढ़ निकला। हरियाणा में पंचकूला भाजपा की जिला सेक्रेटरी थीं। साथ ही साथ मीडिया विभाग भी संभाला करती थीं। इसमें उनकी एडवरटाइजिंग की पढ़ाई काफी काम आई। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वर्ष 2015 में उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का चेयरपर्सन लगाया गया था। जिसके बाद 2018 में उनका कार्यकाल दोबारा बढ़ा दिया गया था। रेखा शर्मा लगभग 9 वर्ष तक राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रही हैं। इसलिए रेखा शर्मा का राज्यसभा जाना तय हरियाणा में राज्यसभा के लिए एक सीट पर होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत तय है। 90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 48 है। वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस के पास 37 विधायक हैं। हालांकि, यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में विपक्ष के विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी रेखा शर्मा को राज्यसभा भेजने में भारतीय जनता पार्टी को कोई दिक्कत नहीं आएगी। 48 विधायकों के बल पर भाजपा आसानी से अपने प्रत्याशी को वर्ष 2028 तक के लिए राज्यसभा भेज सकती है। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायक भी भाजपा के साथ हैं, जबकि दो इनेलो विधायकों ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। कांग्रेस नहीं उतारेगी उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कह चुके हैं कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी। कांग्रेस के पास नंबर नहीं हैं। ऐसे में अगर आज रेखा शर्मा के अलावा कोई अन्य नामांकन नहीं करता है तो 20 दिसंबर को वोटिंग नहीं होगी और रेखा को विजयी घोषित कर दिया जाएगा। ****************************** राज्यसभा उपचुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- BJP ने NCW की पूर्व चेयरपर्सन रेखा शर्मा को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया हरियाणा में 20 दिसंबर को होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने रेखा शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। 9 दिसंबर को पानीपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले भाजपा ने हरियाणा के अलावा, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के उम्मीदवारों का ऐलान किया। पढ़ें पूरी खबर
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Tuesday, December 10, 2024
Monday, December 9, 2024
साइबर ठगी का नया तरीका:फेसबुक और व्हाट्सएप पर पहले दोस्ती, फिर न्यूड वीडियो कॉल से ब्लैकमेल कर ठगी, रोहतक एसपी बोले- रहें सावधान
रोहतक के एसपी (पुलिस अधीक्षक) नरेंद्र बिजराणिया ने कहा कि साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का नया तरीका निकाला है। साइबर क्रिमिनल लड़कियों के नाम से व्हाट्सएप व फेसबुक पर दोस्ती करके चैट के माध्यम से वीडियो कॉल करके न्युड विडियो कॉल करके रिकॉर्डिंग कर लेते है। जिसके बाद पीड़ित युवक को झांसे में लेकर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रुपय मांगते है। इस प्रकार के साइबर अपराधियों से बचकर रहें। एसपी नरेंद्र बिजराणिया ने बताया कि सोशल मीडिया पर न्यूड वीडियो कॉल करके ब्लैकमेल करने वाली खूबसूरत लड़कियों की हकीकत कुछ और ही होती है। दरअसल फेसबुक पर जिन खूबसूरत लड़कियों के नाम से वीडियो कॉल करके आपकी न्यूड फिल्म बनाकर ब्लैकमेल किया जाता है। हकीकत में वो सबकुछ नकली नाटक होता है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, किसी (ऑनलाइन डेटिंग ऐप) या फिर वॉट्सऐप पर अपने प्रोफाइल में खूबसूरत फोटो लगाने वाली खूबसूरत लड़की असल में लड़के हैं। खूबसूरत लड़कियों की फोटो से बनाते हैं फर्जी प्रोफाइल उन्होंने बताया कि इस प्रकार का गैंग अलग-अलग लड़कियों की खूबसूरत फोटो के जरिए अलग-अलग नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर युवकों से पहले डेटिंग ऐप या सोशल मीडिया पर दोस्ती करते हैं। इसके बाद रात में फेसबुक मैसेंजर या व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर न्यूड वीडियो बना लेते हैं। ये साइबर क्रिमिनल वीडियो कॉलिंग के दौरान मोबाइल फोन पर स्क्रीन रिकॉर्ड ऑन कर रिकॉर्डिंग कर लेते हैं। इसके बाद बैकग्राउंड में पहले से बनाई लड़की के न्यूड होने की वीडियो प्ले कर देते हैं और फिर बाद में इसी वीडियो को फेसबुक फ्रेंडस और रिश्तेदारों को भेजने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते हैं। ऐसे करें बचाव 1. सोशल मीडिया अकाउंट के प्रोफाइल को हमेशा लॉक रखें तथा अपने फेसबुक प्रोफाइल पर प्राइवेसी सेटिंग रखें। 2. अंजान नंबर से वीडियो कॉल को रिसीव ना करें। अगर कॉल रिसीव कर ली गई है तो मोबाइल का कैमरा फ्रंट की वजह रियल मोड़ पर कर दे या हमेशा फेस को दूर रखें। 3. अगर आपकी वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर दी गई है तो उसे रिपोर्ट कर दें, ऐसा करने पर यूट्यूब उस वीडियो को यूट्यूब से हटा देगी। 4. किसी भी अजनबी को अपने प्रोफाइल के बारे में पूरी जानकारी ना दें। अपनी पहचान या कोई एड्रेस भी ना दें। ना अपना पर्सनल मोबाइल नंबर शेयर करें। 5. अगर इस प्रकार का फ्रॉड हो जाए तो बेझिझक साइबर क्राइम थाना या नजदीकी पुलिस थाना में स्थापित साइबर डेस्क व नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दें। इसके अलावा राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर या डायल 112 पर अपनी शिकायत रजिस्टर करा सकते हैं।
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Sunday, December 8, 2024
चंडीगढ़ की एंजल बनी राजस्थान में सिविल जज:33वीं रैंक मिली, पिता डाकघर कर्मचारी, एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट के मार्गदर्शन से मिली सफलता
चंडीगढ़ की एंजल कौशल ने राजस्थान सिविल जज कैडर परीक्षा में 33वीं रैंक हासिल कर पूरे शहर और अपने परिवार का मान बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार, बल्कि चंडीगढ़ और उनके शिक्षण संस्थान 'एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट' (सेक्टर 24-डी, चंडीगढ़) को भी गर्व का क्षण प्रदान किया है। एंजल का सफर एंजल ने अपनी शुरुआती शिक्षा केंद्रीय विद्यालय, पटियाला छावनी से की और फिर बीए एलएलबी की डिग्री महर्षि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी, मुलाना, अंबाला से प्राप्त की। उनका परिवार मूल रूप से पटियाला का निवासी है, लेकिन वर्तमान में चंडीगढ़ के सेक्टर 27-सी में रह रहा है। उनके पिता रजनीश कौशल, जो सेक्टर 17 स्थित डाकघर में कार्यरत हैं, ने बताया कि एंजल बचपन से ही पढ़ाई में लगनशील थी और उसका सपना जज बनने का था, जिसे उसने अपनी मेहनत से सच कर दिखाया। एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट की भूमिका एंजल ने अपनी सफलता का श्रेय 'एपेक्स लीगल इंस्टीट्यूट' को दिया। संस्थान के डायरेक्टर वर्मा मैडम (एडवोकेट) ने एंजल के समर्पण और मेहनत की सराहना करते हुए कहा, "हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को सही दिशा और विधिक मार्गदर्शन प्रदान करना है। एंजल की सफलता इस बात का प्रमाण है कि लगन और सही मार्गदर्शन से हर लक्ष्य संभव है।" इसके अलावा, रिटायर्ड सेशन जज नाज्जर सर, रिटायर्ड सरकारी वकील राकेश सर और अनमोल मैडम (एडवोकेट) ने भी एंजल की सफलता में अहम भूमिका निभाई।
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हरियाणा के किसानों की आंदोलन से दूरी क्यों:BJP सरकार की माइक्रो लेवल वर्किंग; गांव-गांव पुलिस भेजी, कारोबार में नुकसान समेत 4 वजहें
पंजाब के किसान 298 दिन से हरियाणा से सटे शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे हैं। दिल्ली कूच के चक्कर में 2 बार उनकी पुलिस से टकराव हो चुका है। एक युवा किसान की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद उन्हें 2020-21 में 3 कृषि कानूनों की तरह इस बार हरियाणा के किसानों से सपोर्ट नहीं मिल रहा। इसको लेकर हर कोई सोच रहा है कि आखिर ऐसी क्या वजह हुई। दैनिक भास्कर ने इसका पता लगाने के लिए हरियाणा के किसानों-ग्रामीणों से बातचीत की तो ग्राउंड लेवल पर पुलिस और प्रशासन के जरिए BJP सरकार बहुत एक्टिव नजर आई। हरियाणा सरकार जितनी सख्ती शंभू-खनौरी बॉर्डर पर कर रही है, उतनी ही माइक्रो लेवल वर्किंग गांवों के स्तर पर कर रही है। वह किसी भी तरह प्रदेश में इस आंदोलन को जीवित नहीं होने देना चाहती। हरियाणा में आंदोलन न होने देने की 3 बड़ी वजहें... 1. बॉर्डर एरिया में SP-DSP को फील्ड में उतारा पंजाब के किसानों के आंदोलन का सबसे बड़ा असर शंभू और खनौरी बॉर्डर से सटे हरियाणा के इलाकों में पड़ना था। सरकार को इसकी इंटेलिजेंस इनपुट मिल गई थी। इसके बाद सरकार ने निचले दर्जे के कर्मचारियों की जगह बॉर्डर जिलों के SP और DSP को फील्ड में उतारा। उन्हें गांव-गांव ग्रामीणों और किसानों से मीटिंग करने को कहा। जहां वे उन्हें पंजाब के किसानों के आंदोलन से हरियाणा और खासकर बॉर्डर एरिया होने से उन्हें होने वाले नुकसान को गिना रहे हैं। नतीजा यह हुआ कि गांवों से अब दूध, राशन वगैरह भी आंदोलन तक नहीं पहुंच रहा है। 2. पुलिस ने पहले ही गश्त बढ़ाई, सख्ती की पंजाब के किसानों का आंदोलन शुरू होते ही पुलिस ने गांवों में गश्त बढ़ा दी। हाईवेज पर नाके लगा दिए। बॉर्डर इलाकों के आसपास शराब की दुकानें बंद कर दीं। खनौरी बॉर्डर पर तो 16 किमी इलाके में दुकानें बंद हो गईं। नतीजा यह हुआ कि लोगों ने बॉर्डर की तरफ जाना ही कम कर दिया। ऐसे में आंदोलनकारी किसानों से उनका तालमेल टूट गया। दिल्ली कूच के दौरान भी प्रशासन और पुलिस ने तुरंत सारा इलाका एक झटके में सील कर दिया। 3. हरियाणा के नेताओं को भरोसे में नहीं लिया इस मामले में तीसरी बड़ी वजह पंजाब के आंदोलन को चला रहे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल और सरवण पंधेर हैं। असल में जब उन्होंने फरवरी महीने में आंदोलन शुरू किया तो हरियाणा के किसान नेताओं को भरोसे में नहीं लिया। यहां तक कि दिल्ली कूच को लेकर जब पिछली बार झड़प हुई तो उसके बाद भी हरियाणा के नेता साथ नहीं आए। भाकियू (चढ़ूनी ग्रुप) के प्रधान गुरनाम चढ़ूनी इसकी पुष्टि करते हुए कहते हैं कि हम बिना बुलाए नहीं जाएंगे। कुछ गड़बड़ी हुई तो फिर आरोप हम पर लगेगा। हालांकि अभिमन्यु कोहाड़ जैसे किसान नेता आंदोलन के साथ खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। 4. 24 फसलों पर MSP दे रही पंजाब के किसान संगठन फसलों की MSP पर खरीद के गारंटी कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। मांग मानी गई तो इसका फायदा देश के सभी किसानों को होगा। हालांकि हरियाणा सरकार लगातार कह रही है कि वह 24 फसलों पर MSP दे रहे हैं। विधानसभा चुनाव के वक्त भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने यह मुद्दा उठाया कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपने शासित प्रदेशों में फसलों पर MSP क्यों नहीं दे रही। हरियाणा सरकार लगातार प्रभाव बना रही कि जितनी MSP हम दे रहे, कोई नहीं देता। बॉर्डर बंद होने से हरियाणा को 3 बड़े नुकसान... 1. 10 महीने से बॉर्डर बंद, फसल सस्ती बेचनी पड़ी पंजाब से सटे हरियाणा के बॉर्डर 10 महीने से बंद हैं। जींद में खनौरी और अंबाला में शंभू बॉर्डर बंद पड़े हैं। इसके कारण बॉर्डर के पास बसें गांवों का संपर्क पंजाब से टूट चुका है। जींद में खनौरी बॉर्डर के पास करीब 20 गांव पड़ते हैं। नारायणगढ़, पदारथ खेड़ा, रिवर, पिपल्था, उझाना, हंस दहर, डंडोली जैसे गांवों का अधिकतर व्यापार पंजाब के खनौरी से होता है। इन गांवों की दूरी खनौरी और नरवाना से एक समान है। किसान फसल भी खनौरी में जाकर बेचते हैं। नारायण गढ़ और उझाना के किसानों ने बताया कि कंबाइन से कटी धान की कीमत पंजाब में अधिक मिलती है। खनौरी में काफी संख्या में किसान जाकर वहां के राइस मिलरों को धान बेचते थे। इससे मुनाफा हरियाणा के किसानों को होता था। कंबाइन से कटे धान में नमी अधिक होती है जिसका हरियाणा में दाम कम मिलता है। इसके बावजूद सस्ती फसल बेचनी पड़ी। इसके कारण किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ। 2. लिंक रोड और कच्चे रास्ते पूरी तरह टूट गए बॉर्डर बंद होने से बड़े वाहन लिंक रास्तों से गुजर रहे हैं। बड़े ट्रक गांवों से निकल रहे हैं। इससे लिंक रोड पूरी तरह टूट गए। वहीं कच्चे रास्तों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे हैं। किसानों को ट्रैक्टर ले जाने और साधन निकालने में दिक्कत होती है। हरियाणा सरकार ने ग्रांट देकर अभी कुछ गांवों में दोबारा रास्ते और सड़क बनवाईं, मगर वह दोबारा टूट गईं। अभी कुछ दिन पहले गांव डंडोली में खेतों के रास्ते में तेल से भरा टैंकर पलट गया था जिससे किसान की धान की पूरी फसल नष्ट हो गई। तेल जहां-जहां गया, खेत खराब हो गया। 3. दुकानों का व्यापार ठप नरवाना से खनौरी जाने वाले रास्ते पर होटल-ढाबे, रेस्टोरेंट और छोटी-छोटी दुकानें हैं। गांवों से होकर गुजर रहे नरवाना-खनौरी हाईवे पर दुकानें अधिकतर ग्रामीणों की हैं। रास्ता बंद होने से इनका व्यापार आधे से भी कम रह गया है। पेट्रोल पंपों की सेल घट गई है। कम रेट की वजह से पंजाब के अधिकतर लोग हरियाणा के पेट्रोल पंपों पर आकर तेल खरीदते थे और यहां के शराब ठेकों से शराब लेते थे। पंपों व ठेकों की सेल आधी रह गई है। खनौरी बॉर्डर पर ही नाके के नजदीक एक शराब ठेके के कर्मचारी ने बताया कि पहले उनकी रोजाना की सेल एक लाख रुपए की होती थी जो अब घटकर 10 हजार रुपए प्रतिदिन रह गई है। अंबाला में व्यापारी और रेहड़ी फड़ी वाले भी प्रदर्शन तक कर चुके शंभू बॉर्डर बंद होने की वजह से अंबाला के व्यापारियों को कारोबार का नुकसान हुआ है। जुलाई महीने में व्यापारियों ने 4 घंटे तक दुकानें भी बंद रखीं। सबसे ज्यादा नुकसान यहां करीब 1500 दुकानों वाले मशहूर कपड़ा मार्केट को हुआ। व्यापारी कहते हैं कि बॉर्डर बंद होने से उन्हें 2 हजार करोड़ का घाटा झेलना पड़ा है। उनके यहां बड़ी संख्या में ग्राहक पंजाब से ही आते थे। जन जागृति संगठन के अध्यक्ष विप्लव सिंगला कहते हैं कि हमने विरोध प्रदर्शन किया। शंभू बॉर्डर खोलने की मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। 10 महीने से बॉर्डर बंद होने से हमारे ग्राहक टूट गए। अब वे दूसरे बाजारों में जाने लगे हैं। होलसेल क्लॉथ मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बत्रा कहते हैं कि बॉर्डर बंद होने से होलसेल के साथ रिटेल व्यापारियों को भी नुकसान हुआ। शादियों का सीजन है और बॉर्डर बंद होने से कारोबार बुरी स्थिति में चल रहा है। कपड़ा व्यापारी कहते हैं कि उनका 75% कारोबार गिर गया है। करीब 25 हजार लोगों की नौकरी पर संकट आ चुका है। अंबाला में जब जुलाई महीने में प्रदर्शन हुआ तो अंबाला की होलसेल कपड़ा मार्केट एसोसिएशन, कपड़ा मार्केट एसोसिएशन, अंबाला इलेक्ट्रिकल्स डीलर्स एसोसिएशन, सर्राफा एसोसिएशन, व्यापार मंडल हरियाणा, न्यू क्लॉथ मार्केट पूजा कांप्लेक्स, मनियारी मार्केट, अंबाला इलेक्ट्रिक एसोसिएशन, न्यू अनाज मंडी, पुरानी अनाज मंडी एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और ट्रेड मुलाजिम यूनियन ने भी बॉर्डर खोलने की मांग के प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
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Saturday, December 7, 2024
चंडीगढ़ के स्कूलों में लक्की ड्रा से तय होंगे एडमिशन:शिक्षा विभाग रखेगा पूरी नजर, शहर के प्राइवेट स्कूलों में प्रक्रिया शुरू
चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग ने शहर के 76 प्राइवेट, और कॉन्वेंट स्कूलों में एंट्री लेवल (नर्सरी और यूकेजी) एडमिशन के लिए शेड्यूल जारी किया है। आवेदन प्रक्रिया 7 दिसंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगी। हालांकि, शहर के चार प्रमुख कॉन्वेंट स्कूल जिनमें, सेक्टर-9 स्थित कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल, सेक्टर-26 स्थित सेंट जॉन्स हाई स्कूल, सेक्रेड हार्ट स्कूल और सेक्टर-32 स्थित सेंट एनीज स्कूल ने एडमिशन का शेड्यूल पहले ही जारी कर दिया है। एडमिशन प्रक्रिया पर शिक्षा विभाग की पैनी नजर शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि एडमिशन प्रक्रिया पारदर्शी हो और तय शेड्यूल का पालन किया जाए। लक्की ड्रा और अन्य प्रक्रियाओं पर विभाग अपनी पूरी नजर रखेगा। किसी भी शिकायत के समाधान के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को नोडल अफसर नियुक्त किया गया है। स्कूल केवल 150 रुपए तक की रजिस्ट्रेशन फीस ले सकते हैं। अभिभावकों को मिला समय स्कूलों ने अपनी वेबसाइट पर जरूरी जानकारी उपलब्ध करवा दी है। जिससे अभिभावकों को दस्तावेज तैयार करने में सहूलियत हो रही है। हालांकि, उनकी चिंता यह है कि बच्चों का एडमिशन किस स्कूल में हो। क्या बोले शिक्षा निदेशक? स्कूल एजुकेशन डायरेक्टर हरसुहिंदर पाल सिंह बराड ने कहा कि अभिभावकों को दाखिला प्रक्रिया में पर्याप्त समय दिया गया है। इससे वे आराम से फॉर्म भर सकेंगे और सही स्कूल का चुनाव कर पाएंगे। शहर के अधिकतर स्कूलों में आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और विभाग ने साफ कर दिया है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
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करनाल में शादी से दूल्हा-दुल्हन के गहने चोरी:मेहमान बनकर आया था चोर; सोफे पर बैग रख फोटो खिचवाने लगी थी महिलाएं
करनाल के सावित्री पैलेस में मेहमान बनकर आए चोर ने दुल्हन व दूल्हे के गहने चोरी कर लिए। बैग में दुल्हन का मंगलसूत्र भी था। संदिग्ध आरोपी सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हुआ है। दूल्हे के भाई नरेश पाल ने बताया कि आज उसकी बहन की शादी थी। स्टेज पर जयमाला का प्रोग्राम चल रहा था। हमारी बुआ जी ने मेरी मम्मी व चाची को स्टेज पर फोटो खिचवाने के लिए बोला। वे अपना बैग सोफे पर छोड़कर फोटो खिचवाने के लिए चली गई। पहले से ही ताक में बैठे युवक ने अपना ब्लेजर सोफे पर डाला और बैग छिपा लिया और मौके से फरार हो गया। बैग में था दुल्हन का मंगलसूत्र नरेश पाल ने बताया कि बैग महरून कलर का था। उसी में ज्वेलरी थी और कैश था। शगुन के लिफाफे भी उसी बैग में रखे हुए थे। लगभग 10 तोले सोने व चांदी के गहने बैग में थे। लड़के और लड़की वालों के सभी गहने एक ही बैग में रखे हुए थे। बैग में दुल्हन का मंगलसूत्र भी था। बारात पटियाला से आई थी। सीसीटीवी फुटेज में कैद हुआ संदिग्ध पीड़ित मां आशा रानी ने बताया कि संदिग्ध युवक सीसीटीवी कैमरों में कैद हुआ है। प्रोग्राम में एक ही चोर था, लेकिन बाद में बाहर जाकर गए तो वे दो लोग थे। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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रोहतक में झज्जर के फाइनेंसर की हत्या:दूसरा घायल, बारातियों पर स्कारपियो सवार बदमाशों ने की अंधाधुंध फायरिंग, हिमांशु भाऊ गैंग का नाम आया
रोहतक के गांव किलोई में बारातियों पर स्कार्पियो सवार बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। जिसमें बारात में आई झज्जर के फाइनेंसर की मौत हो गई। वहीं दूसरा बाराती गोली लगने के कारण घायल हो गया। वहीं वारदात का पता लगते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। मृतक की पहचान झज्जर जिले के गांव डीघल निवासी मंजीत के रूप में हुई है। वहीं गांव बलम निवासी मंदीप गोली लगने से घायल हो गया। मिली जानकारी के अनुसार मृतक मंजीत को सात-आठ गोलियां लगी हैं, जबकि मंदीप को एक गोली लगी है। वहीं मंजीत फाइनेंस का काम करता था और दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल भी रह चुका है। इस वारदात के पीछे हिमांशु भाऊ गैंग का नाम भी आया है। वहीं पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी हुई है। वाटिका के बाहर मारी गोली बता दें कि रोहतक के गांव किलोई में शुक्रवार को शादी समारोह था। इसी दौरान रात को बारात आई हुई थी। इस बारात में झज्जर के गांव डीघल निवासी मंजीत व गांव बलम निवासी मंदीप भी आए हुए थे। वहीं शादी समारोह जिस वाटिका में चल रहा था, उस वाटिका के बाहर यह वारदात हुई है। जब मंजीत व मंदीप वाटिका के बाहर मौजूद थे तो काले रंग की स्कार्पियो में सवार होकर हथियारबंद बदमाश आए। जिन्होंने आते ही दोनों पर फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में घायल मंजीत व मंदीप को उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में लाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने मंजीत को मृत घोषित कर दिया। वहीं मंदीप का उपचार चल रहा है।
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